लोगों ने सोचा इस्लाम को वक़्त रहते ख़त्म कर दिया जाये मगर इसका असर उसके विपरीत हुआ उस ज़माने में जिस जगह इस्लाम को ज्यादा बदनाम किया गया इस जगह इस्लाम उतनी ही तेजी से फैला जब उस समय लोगो द्वारा इस्लाम को और मोहम्मद साहब को झूठा कहा गया जब लोगों को इस्लाम को करीब से जानने की उत्सुकता बढ़ती चली गई जिसके बाद जो इस्लाम को करीब से जान लेता था तो वह इस्लाम कुबूल कर ही लेता था|
क्योकि बात थी सत्य और असत्य की क्योकि इस्लाम शांति और अमन का धर्म है शांति सिखाता है और बुराई से रोकता है इस्लाम एक ऐसा मजहब या धर्म है जिसमे मर्द, औरत, बच्चा, बूढा, जवान, दोस्त, रिश्तेदार, सभी को इस्लाम में हक़ दिया गया है इस्लाम अपने आप में एक संपुर्ण धर्म है|
आज जिस तरह इस्लाम को बदनाम करने के लिए कुछ लोगों द्वारा भरपूर कोशिश की जा रही है इस्लाम को बदनाम करने के लिए rss, बजरंगदल,हिन्दू संगठन आदि जैसे संगठन बनाये जा रहें हैं इस्लाम को बदनाम करने के लिए सभी साधनों का उपयोग किया जा रहा है इस्लाम के संरक्षकों पर झूठे आरोप लगाये जा रहें हैं उनको आतंकवादी संगठनो से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है
इसी दुष्प्रचार के कारण लोगो में इस्लाम को जानने कि ललक पैदा हुई और जब लोगो ने इस्लाम को जानना शुरू किया तो जाना कि इस्लाम से ज्यादा शांति वाला धर्म कोई नहीं इस्लाम के आलावा कोई सच्चा धर्म नहीं तब इस्लाम को अच्छी तरह से समझने के बाद, कौन नहीं चाहेगा इस्लाम कुबूल करना|
इस्लाम को जानने की उत्सुकता लोगों के अंदर बड़ी जिस तरह बार बार हर बुरी घटना का जिम्मेदार इस्लाम को ठहराया गया है उस से लोगो के अंदर इस्लाम को करीब से जानने की उत्सुकता बड़ी है और जिसने इस मजहब को समझा दीवान होता नज़र आया है|