सरवेश अली बारपेटा में रहते है 3 भाई और 2 बहन है नोटिस आया कि इनकी माँ कुलसुम निसा भारतीय नागरिक नही है नतीजा जेल में बने डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया वो तमाम पेपर है जो सुप्रीम कोर्ट ने वैलिड किये है लेकिन कोई सुनने वाला नही है. माँ के पकड़े जाने के बाद बाप ने बहुत कोशिश करि की जेल में अपनी पत्नी से मुलाक़ात हो जाये लेकिन जब विदेशी मान लिया गया तो कैदी वाले अधिकार भी नही मिलेंगे, सरवेश के पिता इस सदमे को नही सके और हार्ट अटैक से मर गए फिलहाल 4 साल हो गए माँ जेल में है बच्चे भटक रहे है. फ़ोटो पिछले साल जब गया था रिपोर्ट एयर रिसर्च के लिए तब मैंने ही लिया था, अंदाज़ा लगा लीजिये अगर कोई एक आदमी भी घर का डिटेंशन सेंटर चला जाये तो परिवार का क्या हाल होता है. इसलिए कौन क्या कर रहा है क्यो नही कर रहा है इस से बाहर निकलये और वज़ काले कानून के खिलाफ आवाज़ बुलंद करिये वरना अगला नंबर आपका है. और हा पेपर बनवाने की सदा लगवाने वालो कुलसुम निसा के पास आधार भी था और निर्वाचन कार्ड भी
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