सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्वर के साथ दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीशों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए. (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली: देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश मीडिया के सामने आए. इन न्यायाधीशों में जस्टिस जे. चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासनिक कार्य ठीक से नहीं हो रहा है.
ये चार जज शुक्रवार सुबह चीफ जस्टिस से मिले थे और अपना विरोध दर्ज कराया था है. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस जस्टिस जे. चेलामेश्वर के घर पर हुई.
@ANI
With no pleasure we are compelled take the decision to call a press conference. The administration of the SC is not in order & many things which are less than desirable have happened in last few months :Justice J.Chelameswar
Replying to @ANI
Let the nation decide that: Justice J.Chelameswar on if the CJI should be impeached pic.twitter.com/0R1qt8v4mq
@ANI
We collectively tried to persuade CJI that certain things aren’t in order so take remedial measures but unfortunately our efforts failed: Justice J.Chelameswar
जस्टिस जे. चेलामेश्वर ने कहा, ‘हम चारों मीडिया का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. यह किसी भी देश के इतिहास में अभूतपूर्व घटना है क्योंकि हमें यह ब्रीफिंग करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. हमने ये प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए की ताकि हमें कोई ये न कहे हमने अपनी आत्मा बेच दी.’
जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में बहुत कुछ ऐसा हुआ, जो नहीं होना चाहिए था. हमें लगा, हमारी देश के प्रति जवाबदेही है और हमने मुख्य न्यायाधीश को मनाने की कोशिश की, लेकिन हमारे प्रयास नाकाम रहे अगर संस्थान को नहीं बचाया गया, लोकतंत्र नाकाम हो जाएगा.’
सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कई बार मनाने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रयास विफल रहे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन सही से नहीं चल रहा है.